कश्मीर और आतंकवाद
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मेरे विचार
मुख्यमंत्री
साहेब आप का सुझाव सर आँखों पर लेकिन जिस राज्य में नये रन्ग्रुट्स को
मेहनताना न मिल रहा हो, जहाँ आप स्वयं दावा कर रहे हों आतंकवाद के कम होने
का, जहाँ आप स्वयं पता करवा रहे हैं कि कितने नौजवान पंडित भर्ती हुए हैं,
इसका क्या तात्पर्य है| आप पहले भी दावा कर चुके हैं आतंकवाद कम होने का
परन्तु परिणाम आपके सामने है ऐसा क्या है आपके राज्य में कि एक विशेष जाती
के लोगो के लिए आपको विशेष कदम उठाने पड़ते हैं क्यों वहां पर बार बार एक
सवाल आता है कि आप को एक विशेष समुदाय कि बात करनी पडती है जबकि वहां
आतंकवाद का शिकार या ये कहिये कि आतंकवाद नाम की मुसीबत सबके लिए है उनके
छुपने के ठिकाने अपने ही समुदाय के लोगों के घरों में हैं | क्या वो लोग
दहशत में नही जीते | आतंकवाद कोई समस्या नहीं बल्कि स्वयं की पाली हुई बकरी
है जिसे नेता लोग दूर करना नहीं चाहते क्योंकि इसके रहते कोई राज्य की
तरक्की की तरफ सवाल नही उठाएगा, कोई वहां के बारे में ज्यादा बात नही
करेगा| सुरक्षा केंद्र सरकार को देदो | राज्य के लिए विशेष package (पैसे)
लेलो | स्वार्थ आप लोगों का है | आम आदमी शिकार बनता है नकी आप जैसे बड़े
आदमी| आप का एक ही नारा "अपना काम बनता भाड़ में जाये जनता" | तो भाई मेरे
आतंकवाद से डर नहीं डर नेताओं से है सभी जियेंगे एक साथ जब कोई नेता न होगा
अपने पास|
यहाँ कोई आतंकवादी नहीं है आप बीच से हट जाएँ हम अगर कोई हमारा भाई हमसे रूठा है मना लेंगे घर का मामला है |
समाचार
(Omar(C.M.) said that they are making efforts for their return but they (Kashmiri Pandits)
have to be prepared for it. They should feel assured and confident
about their return, Militancy is reducing. Omar said he has directed the Inspector general of CID to expedite
the verification of Kashmiri Pandit youth, who have been employed under
Prime Minister''s job plan in Kashmir Valley recently. "I have directed the IG (CID) to fast track the clearance for them,"
he said when asked about why wages were not being paid to the new
recruits even after five months of joining the service.)
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